प्रोस्टेट स्पेसिफिक एंटीजन
यह टेस्ट हमारे खून में पीएसए (प्रोस्टेट स्पेसिफिक एंटीजन) को मापता है। प्रोस्टेट एक ग्रंथि होती है जो मनुष्य के रिप्रोडक्टिव सिस्टम का हिस्सा होती है। यह हमारे ब्लैडर के नीचे स्थित है तथा हमारे सीमन के लिए तरल पदार्थ तैयार करती है। पीएसए भी एक तरह का पदार्थ है, जो प्रोस्टेट द्वारा तैयार किया जाता है। महिलाओं की अपेक्षा पुरुषों में पीएसए का स्तर कम होता है। पीएसए का स्तर अधिक होना प्रोस्टेट कैंसर का लक्षण हो सकता है। लेकिन पीएसए के स्तर का कम होना कैंसर के अलावा प्रोस्टेक की कोई अन्य समस्या भी हो सकती है। इनमें संक्रमण या प्रोस्टैटिक हाइपरप्लैसिया जैसी प्रोस्टेट के बढ़ने वाली समस्याएं भी हो सकती हैं।
प्रोस्टेट स्पेसिफिक एंटीजन टेस्ट क्या होता है? – What is PSA Test in Hindi?
पीएसए टेस्ट प्रोस्टेट कैंसर की स्क्रीनिंग करने के लिए किया जाता है। स्क्रीनिंग एक टेस्ट होता है, जिसमें कैंसर जैसी किसी बीमारी के शुरुआती दौर की जांच की जाती है। ऐसे समय में इन बीमारियों का इलाज किया जा सकता है। अमेरिकन कैंसर सोसाइटी और सेंटर ऑफ डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) जैसे स्वास्थ्य संगठनों ने इस बात से असहमति जताई है कि कैंसर की स्क्रीनिंग के लिए पीएसए की जांच की जानी चाहिए। इसके निम्नलिखित कारण हैं:
- ज्यादातर प्रोस्टेट कैंसर बहुत धीमी गति से बढ़ते हैं। ये इतनी धीमी गति से बढ़ते हैं कि इनके लक्षण सामने आने में इन्हें दशकों लग जाते हैं।
- बहुत धीमी गति से बढ़ने वाले प्रोस्टेट कैंसर का इलाज अक्सर अनावश्यक होता है। कई पुरुष तो इस बीमारी के होने के बावजूद लंबी उम्र स्वस्थ रहकर जीते हैं। यहां तक कि उन्हें यह पता तक नहीं चलता है कि उन्हें कैंसर है।
इसके इलाज से बड़े साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं। इन साइड इफेक्ट्स में इरेक्टाइल डिसफंक्शन (स्तंभन दोष) और यूरीनरी इनकॉन्टीनेन्स (पेशाब न रोक पाना) की समस्या हो सकती है। तेजी से बढ़ने वाली प्रोस्टेट कैंसर बहुत कम मामलों में होते हैं। लेकिन कई मामलों में ये खतरनाक हो सकते हैं। उम्र, इस बीमारी से जुड़ा पारिवारिक इतिहास जैसे अन्य फैक्टर काफी महत्वपूर्ण होते हैं। लेकिन पीएसए टेस्ट अकेले ही स्लो और फास्ट ग्रोविंग प्रोस्टेट कैंसर में अंतर नहीं बता सकते हैं। इसलिए पीएसए टेस्ट कराने के लिए ज्यादा बेहतर होगा कि आप अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
प्रोस्टेट स्पेसिफिक एंटीजन टेस्ट क्यों किया जाता है? – What is the purpose of PSA Test in Hindi?
अगर आपमें प्रोस्टेट कैंसर के खतरे की संभावना दिखती है तो डॉक्टर आपको यह जांच कराने की सलाह दे सकते हैं। इसके निम्नलिखित संकेत हो सकते हैं:
- अगर आपके पिता या भाई को प्रोस्टेट कैंसर रहा हो।
- अगर अफ्रिकन-अमेरिकन नागरिक हैं तो क्योंकि अफ्रिकी-अमेरिकी नागरिकों को प्रोस्टेट कैंसर की संभावना अधिक होती है। हालांकि इसके पीछे के कारण अभी तक पता नहीं हैं।
- आपकी उम्र क्योंकि प्रोस्टेट कैंसर की शिकायतें ज्यादातर 50 साल से अधिक उम्र के पुरुषों में पाया जाता है।
आपको तब भी पीएसए टेस्ट करवाने की जरूरत पड़ सकती है, यदि:
- आपको पेशाब के समय दर्द होता है या फिर बार-बार पेशाब होता है और आपकी कोख या पीठ में दर्द रहता है।
- पहले कभी आपके प्रोस्टेज कैंसर का इलाज हो चुका है।
ऐसी स्थिति में पीएसए टेस्ट आपके स्वास्थ्य की देखरेख और इलाज में मददगार हो सकता है।
पीएसए टेस्ट से पहले – Before Prostate Specific Antigen Test in Hindi
इस टेस्ट से 24 घंटे पहले आपको सेक्स या फिर मैथुन करने से परहेज करना होगा। क्योंकि ऐसा माना जाता है कि सीमन निकल जाने से आपके शरीर में पीएसए का स्तर बढ़ सकता है।
पीएसए टेस्ट के दौरान – During Prostate Specific Antigen Test in Hindi
इस टेस्ट के दौरान आपके हाथ में सुई से खून का सैंपल लिया जाता है। सुई से आपके हाथ से खून का थोड़ा सा सैंपल लिया जाता है। इस सैंपल को किसी ट्यूब या फिर किसी शीशी में रख दिया जाता है। सैंपल लेने के लिए सुई चुभोए जाने के समय आपको थोड़ा सा दर्द हो सकता है। इस पूरी प्रक्रिया में 5 मिनट से भी कम का समय लगता है।
प्रोस्टेट स्पेसिफिक एंटीजन टेस्ट के क्या जोखिम होते हैं? – what are the risks associated with PSA Test in Hindi
इस टेस्ट के लिए ब्लड टेस्ट किया जाता है इसलिए इस टेस्ट के कुछ खास जोखिम नहीं होते हैं। इस टेस्ट के लिए खून का सैंपल निकालते समय सुई चुभोए जाने के समय हल्का सा दर्द हो सकता है। सुई लगाए जाने वाली जगह पर हल्का सा घाव हो सकता है लेकिन वह जल्द ही ठीक हो जाता है।
प्रोस्टेट स्पेसिफिक एंटीजन टेस्ट के परिणाम का क्या मतलब होता है? – What do the results of PSA Test ?
पीएसए लेवल का अधिक होना कैंसर या फिर प्रोस्टेट इन्फेक्शन जैसी नॉन-कैंसरस स्थिति बताता है। इन्हें एंटीबायोटिक से ठीक किया जा सकता है। अगर पीएसए का स्तर सामान्य से अधिक है तो आपके डॉक्टर आपको और भी जांच करवाने की सलाह दे सकते हैं। जो निम्नलिखित हैं:
- रेक्टल इग्जाम:
इस टेस्ट के लिए आपके हेल्थ केयर प्रोवाइडर आपके रेक्टम में ग्लोव्ड फिंगर से आपके प्रोस्टेट की जांच करेंगे। - बायोस्पी:
यह एक तरह की छोटी सी सर्जिकल जांच हैं। इस जांच में मरीज के प्रोस्टेट सेल्स का थोड़ा सा सैंपल लेकर उसकी जांच किया जा सकती है। अगर आपको अपनी जांच रिपोर्ट को लेकर कुछ जानना है तो अपने डॉक्टर से बात करें।
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Accha hai…