EYE FLU & MONSOON
बरसात के मौसम में आई फ्लू फैलने से कैसे बचे?
बरसात के मौसम में गर्मी एवं उमस के कारण नेत्र रोग बहुत तेजी से फैल रहा है. उत्तर प्रदेश एवं देश के कई राज्यों में बरसात के पानी के साथ-साथ अनेकों मानसूनी बीमारियां ने भी जन्म ले लिया जिनमें से आई फ्लू भी एक है पिंक आई अथवा कन्वाइट इंफेक्शन के नाम से जाना जाता है देशभर में वायरल आई फ्लू का प्रकोप बढ़ता जा रहा है जिसका प्रमुख कारण एडिनोवायरस टाइप 8 व19 है इन दिनों वायरल आई फ्लू से पीड़ित हजारों व्यक्ति नेत्र विशेषज्ञों के पास परामर्श एवं उपचार हेतु पहुंच रहे हैं पुष्पांजलि हॉस्पिटल की नेत्र सर्जन डॉक्टर रिद्धिमा शर्मा के अनुसार वर्षा ऋतु में रोजाना 15 से 20 रोगी आई फ्लू से पीड़ित होकर परामर्श एवं उपचार हेतु पहुंच रहे हैं जिनमें से अनेकों स्कूली बच्चे भी हैं . आई फ्लू रोकने के लिए हमें सावधानी रखना अति आवश्यक है..
आई फ्लू या कंजेक्टिवाइटिस या पिंक आई क्या है?
वर्षा ऋतु का मौसम यानी कंजेक्टिवाइटिस मौसम आंखों की आई फ्लू नामक बीमारी बारिश के मौसम में बहुत तेजी से फैलती है इसे आम भाषा में आंख आना भी कहते हैं आई फ्लू एक बेहद संक्रामक नेत्र रोग है आई फ्लू बरसात के समय एडिनोवायरस टाइप 8 व19 अथवा स्टेफाइलोंकोकस, हिमोफिलस इनफ्लुएंजा आदिअथवा जीवाणुओं संक्रमण से होता है . शुरूआत मे आई फ्लू नामक इंफेक्शन एक आंख में होता है पर सावधानी न बरतने पर यह दूसरी आंख में भी हो जाता है पहले आंख लाल होना शुरू होती है और कुछ घंटों में ही जलन चुभन पलकों में सूजन होने लगती है तथा आंख से पानी आने लगता है . संपर्क में आने पर आई क्यू बहुत तेजी से फैलता है. वायरल आई फ्लू में कभी-कभी कानों के पास कनपटी पर सूजन भी हो जाती है .वायरल कंजेक्टिवाइटिस से पीड़ित व्यक्ति को उपचार में देरी होने पर पारदर्शी पुतली में सूक्ष्म जखम होने के कारण प्रकाश के प्रति संवेदनशीलता भर जाती है. उपचार के अभाव में रोशनी में धुंधलापन हमेशा के लिए हो सकता है नेत्र चिकित्सक के मार्गदर्शन में एंटीबायोटिक एवं लुब्रिकेटिंग आई ड्रॉप्स डालने से इन लक्षणों में फायदा होता है.
क्या आई फ्लू के लक्षण?
लाल होना व पलकों में सूजन होना
आंखों में दर्द जैसी चुभन होना
आंखों से पानी बहना आंखों से गाढ़ा डिस्चार्ज निकलना
सवेरे उठते समय आंखें चिपक जाना
आकाश के प्रति संवेदनशीलता भर जाना एवं दृष्टि में धुंधलापन होना
कैसे करें आई फ्लू की रोकथाम?
बरसात के मौसम में गंदे पानी से आंखें नहीं धोए बरसात के पानी से आंखों को बचाएं
बरसात के मौसम में भीड़भाड़ वाले स्थानों पर जाने से बचें , स्विमिंग करने से बचे
संक्रमित व्यक्ति से हाथ मिलाने से बचे व संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने के बाद साबुन से हाथ अवश्य धोएं.
आई फ्लू होने पर बच्चों को चार-पांच दिनों के लिए स्कूल ना भेजें. ऑफिस में कार्य करते समय दूसरों के संपर्क में कम से कम रहे.
क्या है आईसीयू का उपचार एवं सावधानियां?
नेत्र विशेषज्ञों से परामर्श कर एंटीबायोटिक लुब्रिकेटिंग आई ड्रॉप्स एंटीबायोटिक आई ऑइंटमेंट का प्रयोग करें गहरे कलर का चश्मा पहन सकते हैं. आंखों को उबली हुई रूई अथवा sterile आई वाइप्स से 3 ,4 बार साफ करें.
जिस आंख में संक्रमण हो उसे नीचे रखकर करवट सोए.
आप आई फ्लू से पीड़ित रोगी की आंख में दवा डालते समय इस बात का ध्यान रखें कि दवा के आगे वाला भाग रोगी की आंख व उंगलियों को स्पर्श ना करें. दवा डालने से पहले बाद में अपने हाथों को साबुन से अवश्य धो ले. आई फ्लू से पीड़ित व्यक्ति आंखों को साफ करने के लिए स्टराइल आई Wipes का उपयोग कर सकते हैं. आई फ्लू से पीड़ित व्यक्ति अपना चश्मा तोलिया रुमाल तकिया आदि अलग रखें. Monsoon के दिनों में आई मेकअप का प्रयोग कम से कम करें अपने आई मेकअप को दूसरों के साथ सांझा नहीं करें.
डॉक्टर रिद्धिमा रावत
कंसलटेंट आप्थाल्मालॉजिस्ट
पुष्पांजलि हॉस्पिटल
1 Comment
Xyz
Nice blog , really useful for all of us .